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अमेज़न प्राइम वीडियो भारत में करेगा ऑस्कर विजेता फिल्म पैरासाइट रिलीज | Amazon Prime Video announces Oscar-winning film Parasite to release digitally in India

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अमेज़न प्राइम वीडियो भारत में करेगा ऑस्कर विजेता फिल्म पैरासाइट रिलीज | Amazon Prime Video announces Oscar-winning film Parasite to release digitally in India

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फिल्म की कहानी

कहानी दो दक्षिण कोरियाई परिवारों के साथ आगे बढ़ती है। ये शहर में रहते हैं और दोनों परिवारों में एक बेहद अमीर जबकि दूसरा गरीब है।

एक है किम परिवार, जो कि एक छोटे से सेमी-बेसमेंट अपार्टमेंट में रहता है। परिवार में पिता Ki-taek हैं। मां Chung-sook, बेटी Ki-jeong और बेटा Ki-woo. चारों सदस्य काम करते हैं, लेकिन आमदमी कम है। घर में लटके मेडल दिखाते हैं कि बच्चे टैलेंटेड हैं।

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कहानी में ट्विस्ट

कहानी में ट्विस्ट

एक दिन की-वू का पुराना दोस्त मिलने आता है। वो एक रईस परिवार की बेटी को ट्यूशन पढ़ाया करता है। अब वह विदेश जा रहा है तो की-वू से कहता है कि उन्हें नए इंग्लिश ट्यूटर की जरूरत पड़ेगी। तुम बन जाओ। मिन कहता है कि वह यूनिवर्सिटी के किसी और दोस्‍त पर भरोसा नहीं कर सकता और इसलिए यह जिम्‍मेदारी की-वू को सौंपना चाहता है।

लेकिन की-वू के पास यूनिवर्सिटी डिग्री नहीं है। चार बार इंट्रैंस एग्ज़ाम दिया है लेकिन उसे लिया नहीं गया। दोस्त के कहने पर वह बहन से नकली डिग्री बनवा लेता है।

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दूसरा परिवार

दूसरा परिवार

अब कहानी में आती है पार्क फैमिली। की-वू अगले दिन पार्क फैमिली के वहां जाता है, जो कि काफी रईस हैं। वहां भी चार सदस्य हैं। मिस्टर एंड मिसेज पार्क, एक बेटा और एक बेटी हैं। पार्क परिवार की-वू से काफी प्रभावित होते हैं। यहीं से धीरे धीरे किम परिवार के सभी चार सदस्‍य पार्क फैमिली में नौकरी के लिए जुगाड़ निकालने लगते हैं। लेकिन जरिया झूठ है।

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दोनों परिवार

दोनों परिवार

की-वू की बहन Ki-jeong खुद को आर्ट थेरेपिस्‍ट बताकर नौकरी पा लेती है। की-वू के पिता Ki-taek घर में ड्राइवर बनकर आ जाते हैं। जबकि मां Chung-sook हाउसकीपर के तौर पर पार्क फैमिली को जॉइन करती है। इस तरह पूरा किम परिवार, मिस्‍टर पार्क के यहां नौकरी करने लगता है।

लेकिन असली कहानी इसके बाद शुरू होती है। दरअसल इसी घर में एक और परिवार पहले से रह रहा है जिसके बारे में किसी को नहीं पता।

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पुराने हाउसकीपर की एंट्री

पुराने हाउसकीपर की एंट्री

पार्क फैमिली बेटे के बर्थडे पर कैंपिंग करने गई होती है। जिसके बाद किम परिवार पूरे मजे से घर में जी रहा होता है। लेकिन तभी घर की पुरानी हाउसकीपर Moon-gwang की एंट्री होती है, जो खुलासा करती है कि घर के नीचे एक बंकर है, जिसमें वह और उसका पति 4 साल से छ‍िपकर रहे हैं, क्‍योंकि कर्जदार उन्‍हें परेशान कर रहे थे।

कुछ ही समय में Moon-gwang को भी किम परिवार की सच्चाई का पता चल जाता है और दोनों परिवारों में सच्चाई के खुलासे का डर है।

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पैरासाइट परिवारों के बीच लड़ाई

पैरासाइट परिवारों के बीच लड़ाई

मून शर्त रखती है कि यदि किम परिवार उसके रहस्‍य का खुलासा नहीं करते हैं तो वह चुप रहेगी। दोनों परिवारों के बीच झगड़ा होने लगता है। किम परिवार के चारों सदस्‍य दोनों पति-पत्‍नी को घायल कर देते हैं और बांधकर बेसमेंट में बंद कर आते हैं।

इस बीच मौसम खराब होने की वजह से किम परिवार जल्‍द ही छुट्टियों से लौट आता है। शहर में आंधी और बाढ़ आती है और पूरा घर पानी से भर जाता है। हालात सुधरने के बाद मिस्‍टर पार्क अपने बेटे के जन्‍मदिन पर पार्टी की घोषणा करते हैं। किम परिवार के चारों लोग भी पार्टी में मौजूद हैं।

इस दौरान की-वू घर के नीचे बने बंकर में जाता है। लेकिन देखता है कि मून की मौत हो चुकी है। मून का पति की-वू पर हमला करता है और वहां से भाग निकलता है। अब वह सबसे बदला लेना चाहता है।

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मार्मिक क्लाईमैक्स

मार्मिक क्लाईमैक्स

रसाई में रखे चाकू से Ki-jeong के सीने में सब के सामने खंजर घोंप देता है। अफरा-तफरी मच जाती है। इधर Ki-taek गुस्से में मिस्‍टर पार्क का खून कर देता है।

कुछ हफ्तों के आगे की कहानी दिखाई जाती है। की-वू अब ठीक है। वह मून के पति के हमले की वजह से कोमा में चला गया था। की-वू और उसकी मां पर फ्रॉड का आरोप लगा है। दोनों जेल में हैं। जबकि उसकी बहन Ki-jeong मर चुकी है। पिता Ki-taek पर मिस्‍टर पार्क के खून का इल्‍जाम है और वह फरार है।

मिस्‍टर पार्क का घर एक जर्मन परिवार को बेच दिया गया है। की-वू को उसके फरार पिता का संदेश मिलता है कि वह अभी भी उसी बंकर में छ‍िपकर रह रहा है। की-वू अपने पिता को चिट्ठी लिखता है कि एक दिन वह खूब पैसे कमाएगा और वही बंगला खरीदेगा। वह वादा करता है कि एक दिन परिवार को मिलाकर रहेगा।

इस फिल्म को डायरेक्ट किया है बॉन्ग जून हो ने। फिल्म में दिखाया गया है कि समाज में गरीबों को पैरासाइट माना जाता है, लेकिन वो सिर्फ मूल जीवन छीनने के लिए लड़ते हैं, जो उन्हें गलत नीतियों की वजह से नहीं मिल पाता। प्रतिभा होते हुए भी उन्हें अवसर नहीं प्रदान किया जाता है।


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