News
खास बातचीत: परेश रावल ने कहा- मैं वह आदमी नहीं हूं कि सीक्वल करने के लिए कहीं भी कूद जाऊं

मुंबईएक घंटा पहलेलेखक: उमेश कुमार उपाध्याय
- कॉपी लिंक
एक्टर परेश रावल 40 साल बाद एक बार फिर गुजराती फिल्म ‘डियर फादर’ में फादर की दोहरी भूमिका में नजर आएंगे। यह फिल्म उनके नाटक पर ही आधारित है। अब हाल ही में दैनिक भास्कर से खास बातचीत में परेश रावल ने इस फिल्म से जुड़ी कुछ बातें शेयर की हैं।
‘डियर फादर’ में दोहरी भूमिका निभाए हैं, इसमें चुनौती किस तरह से रही?
देखिए, चुनौती तो अपने आप में होती है। लेकिन, फिल्म देखेंगे, तब पता लगेगा कि कितना अलग रहा। देखिए, चुनौती वाली जो भूमिका होती है, उसे लेना तो मेरा काम है, यह मेरा जॉब है। इतने सालों की थिएटर की ट्रेनिंग है, वह यहीं पर काम आती है। हमने ड्रामा में भी पर्दा खुलने से पहले जो अनाउंसमेंट होता है, उसमें अनाउंस कर देते हैं कि डबल रोल है। क्योंकि यह सब्जेक्ट ऐसा है कि इसमें कोई छुपकर डबल रोल कर दें, ऐसी बात नहीं है। सामने वाला जो दूसरा बंदा है, वह कोई मेले में बिछड़ा हुआ भाई नहीं है। जैसा मनमोहन देसाई की फिल्मों में देखा है। कोई गुम हो गया, ऐसा नहीं है। दोनों अलग-अलग हैं, पर कभी-कभी होता है कि दो लोग एक जैसे दिखते हैं।
किसी किरदार में जान फूंकने का आपका मंत्र क्या होता है?
देखिए, मैं यह समझता हूं कि ऐसा किरदार निभाना चाहिए, जिससे लगे कि इस इंसान को आपने कहीं देखा है। उसके अंदर से कैरेक्टर वाला नहीं, एक जिंदा इंसान दिखना चाहिए। कोई प्लास्टिक का पुतला नहीं, रियल इंसान दिखना चाहिए। उसकी वेदना रियल हो, उसकी हंसी रियल हो और उसके प्रॉब्लम रियल लगने चाहिए, तब जाकर दिल-ओ-दिमाग को छू पाऊंगा। अगर खोखली एक्टिंग करूंगा, उसके अंदर उतरूंगा नहीं, तब मुझ में कोई इंटरेस्ट नहीं होगा। मेरा काम है, दर्शकों को अभिभूत करना। मेरी पसंदगी ऐसे किरदारों की रही है कि उसको मैं और निखार सकूं। ऐसा लगे कि उस बंदे को बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन या फिर आम जिंदगी में ऐसे बंदे से टकराया हूं। यह मेरी कोशिश हमेशा रही है।
ओटीटी पर गहरी कहानियां और किरदार भी गहरे होते हैं, लेकिन आप जिस तरह से छोटे कैरेक्टर को भी जीवंत करते हैं, उसमें उतरने का तरीका क्या होता है?
आपके पास जो मैटेरियल आता है, जो स्क्रिप्ट आती है, उस पढ़ते रहिए। पढ़ते रहने पर पता चलता है कि कुछ-कुछ बातें जो किरदार में हैं, वह मुझ में हैं। मैं हूं ऐसा। मैंने ऐसा-ऐसा कहीं पर तो किया है। सिमरल इमोशन की बात कर रहा हूं। अगर समझिए वह किसी बंदे की हेल्प करता है, तब मुझमें आना चाहिए कि मैंने भी लाइफ में एक बंदे की मदद की है, जिसे जानता भी नहीं था। मुझे पता था कि पैसे लौटकर नहीं आएंगे, फिर भी मदद की थी। ऐसे आपको पता चलता है कि ये आप हैं। कुछ किरदार ऐसे होते हैं, जिनसे पता चलता है कि यह मैं नहीं हूं। उसके बारे में सोचना शुरू करते हैं कि कोई रोल मॉडल मिल जाए। उसको कैसे ढाला जाए, उसके अंदर एक्टिंग का क्रॉफ्ट लगता है। ये सारी चीजें इकट्ठा करके डायरेक्टर की मदद से, को-ऑर्टिस्ट की हेल्प से किरदार को निखारने की कोशिश करता हूं।
आपका किसी प्रोजेक्ट को चुनने का तरीका क्या होता है?
मेरे हिसाब से क्या होता कि कुछ कहानियां पढ़ते हैं, तब लगता है कि इन्हें करनी ही करनी है। यह बात मुझे कहनी ही कहनी है। वे कहानियां झकझोर कर रख देती हैं। आपको लगेगा कि अगर यह कहानी मैं नहीं कहूंगा, तब ये बेचैनी मेरे साथ जिंदगी भर रहेगी। मैं ऐसी कहानियों के साथ जुड़ना चाहूंगा। एक लेवल पर विवश कर देती है कि यह कहानी मुझे करनी ही चाहिए। फोर्स करती है। मोटिवेट करती है। अंदर से एक आवाज आती है कि इसे करो। ऐसी कहानियां और किरदार होते हैं, तब उन प्रोजेक्ट को चुन लेता हूं। इसके अलावा निर्माता-निर्देशक का हेल्प तो चाहिए ही चाहिए। फिल्म डायरेक्टर का माध्यम है, अगर डायरेक्टर की हेल्प नहीं मिलेगी, तब कुछ कर नहीं पाओगे। डायरेक्टर किसी भी अच्छे एक्टर को बुरा और किसी बुरे एक्टर को अच्छा बना सकता है। डायरेक्टर की हेल्प के बगैर लंगड़े हो जाओगे।
कभी विलेन के रोल के लिए जानते जाते थे, अब ऐसे रोल से क्यों दूरी बनाए हुए हैं?
विलेन का अच्छा रोल मिलेगा, तब करूंगा। मुझे अच्छे रोल से मतलब है। कॉमेडी कहो, सीरियस कहो, हीरोइन का भाई कहो, हीरोइन का बाप कहो, मैं उसमें नहीं जाता हूं, मुझे रोल अच्छा लगना चाहिए।
क्या राजनीति में आने के बाद किसी तरह का रोल छोड़ना पड़ा था?
नहीं, ऐसा कभी नहीं हुआ। सबको पता था कि मैं एक्टर हूं, इसलिए एमपी की टिकट दी गई थी। मुझे कोई रोल छोड़ना नहीं पड़ा। उस समय मुझे जो करना था, वह किया है।
‘ओह माय गॉड-2’ आ रही है, क्या इसमें किसी रोल में हैं, अगर नहीं, तब उसकी कोई खास वजह?
नहीं, मैं इसमें नहीं हूं। मुझे स्क्रिप्ट में मजा नहीं आ रहा था, इसलिए मैं नहीं आया। क्योंकि मैं वह आदमी नहीं हूं कि सीक्वल करने के लिए कहीं भी कूद जाऊं। पार्ट-3 मैं करने वाला हूं, क्योंकि वह कहानी अच्छी है।
आप सवालों का जवाब बड़ी बेबाकी से दे रहे हैं, फिर मीडिया से दूरी क्यों बनाए रखते हैं?
नहीं, नहीं। मीडिया से मेरी दूरी नहीं है। मैं मीडिया को मानता हूं और मीडिया की ताकत को अच्छी तरह से पहचानता हूं। मीडिया बहुत बड़ा अमोघ शस्त्र है, पावन शस्त्र है। लेकिन मेरे पास कहने के लिए कुछ बात हो, तब मीडिया के सामने आऊं। तब तो अच्छा लगेगा। ऐसे बात-बात में उठकर आऊंगा, तब लोग भी बोर हो जाएंगे कि भई, यह तो हर इंटरव्यू में होता है, हर फोटो देता है। मीडिया भी बोलेगी कि अभी इसको कितना झेलें, अभी तो बहुत हो गया। कुछ कहने के लिए होगा तो आऊंगा, तब मीडिया भी इज्जत करेगी और लोग भी इज्जत करेंगे। वरना आप और मैं जानते हैं कि कितने लोग आते रहते हैं, कितने लोगों को मीडिया में अपना चेहरा बार-बार दिखाना होता है। यह मैं नहीं हूं। मैं मीडिया से भागने वाला नहीं, मीडिया की इज्जत करने वाला आदमी हूं। इस तरह मीडिया का उपयोग होना चाहिए न कि उसका दुरुप्रयोग हो।
आप अक्षय कुमार के साथ एक फिल्म कर रहे हैं, वह फ्लोर पर कब तक जाएगी?
वह मेरे खयाल से जून-जुलाई तक फ्लोर पर जाएगी। अभी कहानी और किरदार के बारे में बता नहीं सकता, क्योंकि मेरे पास अभी तक स्क्रिप्ट आई नहीं है।
बच्चों को किस तरह से गाइडेंस देते हैं और वे किस तरह से गाइडेंस लेने आते हैं?
मेरा मानना है कि बच्चे जब गाइडेंस लेने आएं, तब उनको गाइडेंस दो, उनके सिर पर मत बैठो। अभी का जनरेशन यंग, हुनरमंद और बड़ी समझदार जनरेशन है। वह जानता है कि सही क्या है, गलत क्या है? उनको ज्यादा उकसाने की कोशिश मत करो।
केतन और मानसी के साथ काम करने का अनुभव कैस रहा?
दोनों के साथ काम करके बहुत अच्छा लगा, क्योंकि दोनों यंग हैं और दोनों मझे हुए कलाकार हैं। दोनों स्टेज के ऊपर काम किया है। दोनों की ट्रेनिंग में कोई कमी नहीं है। बहुत प्रोफेशनल हैं। अभी की जनरेशन ही बड़ी प्रोफेशनल है।
Source link
-
Insurance3 years ago
Max Life Insurance Online Premium Receipt
-
News3 years ago
सुशांत सिंह राजपूत की हत्या हुई, सीबीआई जांच कराने की मांग
-
Web Series4 years ago
BOSS Baap of Special Services Review | Cast | Trailer In Hindi | Web Series |
-
Songs Lyrics4 years ago
I Been That Lyrics In Hindi | ई हैवे बीन डट Lyrics | Emiway x Dax
-
Movies4 years ago
Chhichhore (2019) | Chhichhore Movie | Chhichhore Bollywood Movie Cast & Crew, Release Date, Review, Photos, Videos – Movieskhabar
-
News4 years ago
Neha dhupia addresses roadies revolution controversy | रोडीज में दिए बयान पर बढ़ा विवाद तो नेहा धूपिया ने लिखी पोस्ट, ‘मेरे पिता का व्हाट्सएप गालियों से भर गया है’
-
Movies4 years ago
The Zoya Factory Movie Story In Hindi | Release Date, Cast, Crew, Trailer, Review
-
Movies4 years ago
Baaghi 3 Song Dus Bahane 2.0: टाइगर श्रॉफ और श्रद्धा कपूर इस बदमाश गाने में गर्मी बढ़ाते हैं