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डेथ एनिवर्सरी: आखिरी वक्त में केवल हड्डियों का ढांचा बनकर रह गई थीं मधुबाला, 9 साल तक बिस्तर पर पड़े होकर कहती थीं-‘मुझे मरना नहीं है’

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2 घंटे पहले

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बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेसेस में शुमार रहीं मधुबाला को गुजरे 53 साल हो गए हैं। 23 फरवरी 1969 को महज 36 साल की उम्र में जन्मजात दिल की बीमारी (Congenital heart disease) से उनकी मौत हो गई थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मधुबाला के आखिरी दिन काफी खराब बीते थे। जो मधुबाला एक समय में बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस मानी जाती थीं, आखिरी वक्त में इंडस्ट्री के लोग उनसे मिलने तक नहीं जाते थे।

आखिरी वक्त में मधुबाला ने छोड़ दिया था तैयार होना
मधुबाला इस बात से बेहद दुखी थीं कि जब वे बीमारी पड़ीं तो कोई उनसे मिलने नहीं आता था। वे मरने की कगार पर पहुंच गईं, लेकिन कोई भी उनका हाल जानने नहीं गया। उन दिनों मधुबाला ने तैयार होना भी छोड़ दिया था। वे हर वक्त नाइट गाउन में रहती थीं और रोती रहती थीं।

प्रेम दिवस पर जन्मीं, लेकिन हमेशा सच्चे प्यार को तरसीं

मधुबाला का जन्म वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी 1933 को हुआ था। वैलेंटाइन डे को प्यार का दिन माना जाता है, लेकिन मधुबाला की छोटी बहन मधुर भूषण (असली नाम जाहिदा) की मानें तो वे ताउम्र सच्चे प्यार के लिए तरसती रही थीं। एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का खुलासा किया था कि मधुबाला को सिर्फ दिलीप कुमार ने नहीं, बल्कि किशोर कुमार ने भी धोखा दिया था।

मधुर ने ये भी बताया था कि मधुबाला 9 साल तक बिस्तर पर थीं। वह डॉक्टर से हमेशा कहती रहती थीं मुझे मरना नहीं है, जिंदा रहना है। मधुर के मुताबिक, आखिरी वक्त में वह केवल हड्डियों का ढांचा बनकर रह गई थीं फिर एक दिन (23 फरवरी 1969) ऐसा भी आया कि बॉलीवुड की यह खूबसूरत अदाकारा हमेशा के लिए खामोश हो गई। उस वक्त मधुबाला की उम्र महज 36 साल थी।

बहन मधुर भूषण और मधुबाला।

बहन मधुर भूषण और मधुबाला।

खुशमिजाज नायिका थीं मधुबाला
‘वीनस’ के नाम से मशहूर मधुबाला हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे खूबसूरत और खुशमिजाज नायिकाओं में से एक थीं। उन्हें ज्यादातर मुस्कुराते हुए ही देखा गया। हालांकि, यह अलग बात है कि उन्होंने अपने स्वभाव के विपरीत कई फिल्मों में बेहद गंभीर और दुख भरी भूमिकाएं भी बखूबी निभाईं।

मुस्कुराहट के चलते फिल्म निर्माता-निर्देशक होते थे परेशान
मधुबाला से जुड़ी एक और बड़ी ही मजेदार बात है और वो ये कि उनकी वक्त-बेवक्त हंसी के चलते फिल्म निर्माता-निर्देशकों को कई बार परेशानियों का भी सामना करना पड़ता था। आपको बता दें कि एक बार ऐसी ही परेशानी का सामना निर्माता-निर्देशक के. आसिफ को 1960 में बनी अपनी फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ के निर्माण के दौरान करना पड़ा था।

मुगल-ए-आजम के एक सीन में मधुबाला-दिलीप कुमार।

मुगल-ए-आजम के एक सीन में मधुबाला-दिलीप कुमार।

हंसी की वजह से 7 दिनों तक नहीं हुई ‘मुगल-ए-आजम’ की शूटिंग
इस बात को तो ज्यादातर लोग जानते हैं कि फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में मधुबाला ने अनारकली की गंभीर और नर्तकी की भूमिका निभाई थी। हां, इस फिल्म से जुड़ी यह बात कम ही लोग जानते होंगे कि मधुबाला की हंसी की वजह से फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ की शूटिंग 7 दिनों तक नहीं हो पाई थी।

फिल्म में एक सीन था, जिसमें शहंशाह अकबर (पृथ्वीराज कपूर), उनकी पत्नी महारानी जोधाबाई (दुर्गा खोटे) और सलीम (दिलीप कुमार) के सामने अनारकली (मधुबाला) खड़ी थी। इस सीन में मधुबाला को बेबस और लाचारी वाले हाव-भाव लाने थे, लेकिन इस सीन में वह बार-बार हंस देती थी और बाद में फिल्म की शूटिंग को स्थगित करना पड़ता था। यह सिलसिला एक या दो नहीं, बल्कि 7 दिनों तक चला।

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