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बिग बी की फिल्म की तारीफ: अमिताभ बच्चन स्टारर ‘झुंड’ देख इमोशनल हुए आमिर खान, बोले-मेरे पास शब्द नहीं हैं, क्या कमाल फिल्म बनाई है यार

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27 मिनट पहले

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एक्टर अमिताभ बच्चन स्टारर ‘झुंड’ शुक्रवार (4 मार्च) को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। रिलीज से पहले आमिर खान ने मंगलवार को मेकर्स और टीम के साथ प्राइवेट स्पेशल स्क्रीनिंग में यह बायोग्राफिकल स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म देखी। ‘झुंड’ देखने के बाद आमिर खान बहुत ज्यादा इमोशनल हो गए और रोने भी लगे थे। इतना ही नहीं उन्होंने अमिताभ, मेकर्स और फिल्म की जमकर तारीफ भी की है। जिसका एक वीडियो फिल्म के मेकर्स ने टी-सीरीज के यूट्यूब चैनल पर शेयर किया है।

आमिर खान ने फिल्म को ‘यूनिक’ बताया। उन्होंने नागराज मंजुले और भूषण कुमार से बात करते हुए कहा कि इस फिल्म ने हमने जो कुछ भी पिछले 20-30 में सीखा है, उन सब चीजों को ब्रेक दिया है। इतना ही नहीं आमिर ने ‘झुंड’ को अमिताभ बच्चन की अब तक की ‘महानतम फिल्मों में से एक’ भी बताया। उन्होंने फिल्म में काम करने वाले बच्चों की भी जमकर तारीफ की है।

फिल्म में स्लम्स में रहने वाले बच्चों को फुटबॉल सिखाता हैं बिग बी
‘झुंड’ को 3 नेशनल अवॉर्ड जीत चुके नागराज मंजुले ने डायरेक्ट किया है। फिल्म को भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, राज हिरेमथ, सविता राज हिरेमथ, नागराज मंजुले, गार्गी कुलकर्णी और मीनू अरोड़ा ने प्रोड्यूस किया है। इस फिल्म को टी-सीरीज, तांडव फिल्म्स एंटरटेनमेंट और अटपट फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बनाया गया है। फिल्म में अमिताभ बच्चन एक स्पोर्ट्स टीचर ‘विजय बरसे’ के रोल में हैं, जो रिटायर हो चुका है। लेकिन, वे स्लम्स में रहने वाले बच्चों को फुटबॉल सिखाता है।

गजब और बहुत यूनीक है, पता नहीं कैसे बन गई ये फिल्म
आमिर खान ने फिल्म की तारीफ करते हुए कहा कि नागराज मंजुले जैसे जीनियस फिल्ममेकर को इंप्रेस कर पाना इतना आसान नहीं है। लेकिन, जो कमाल की फिल्म उन्होंने बनाई है, उसके बाद ‘झुंड’ की पूरी टीम के लिए उनके मन में इज्जत बढ़ गई है। उन्होंने कहा, “मेरे पास अल्फाज नहीं हैं। फिल्म में आपने जो लड़के और लड़की के इमोशन को पकड़ा है, वो तारीफ के काबिल है। बच्चों ने जो काम किया है, कमाल है। भूषण (कुमार) क्या फिल्म बनाई है यार। गजब फिल्म है। बहुत ही यूनीक है। पता नहीं कैसे बन गई ये फिल्म।

बच्चन साहब की बेस्ट फिल्मों में से एक है ‘झुंड’
आमिर खान ने आगे कहा, “फिल्म में जो स्पिरिट कैच किया है, वो लॉजिक से नहीं आता। फिल्म देखने के बाद मैं स्पिरिट के साथ उठता हूं। और ये फिल्म मुझे छोड़ नहीं सकती। यह एक सरप्राइजिंग फिल्म है।” आमिर खान ने अमिताभ बच्चन की एक्टिंग की भी तारीफ की और इस फिल्म को उनके करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक बताया। वह बोले, “बच्चन साहब ने क्या काम किया है। उन्होंने अपने करियर में एक से एक फिल्में की हैं। और ये ‘झुंड’ उनकी बेस्ट फिल्मों में से एक है।”

आमिर खान के शो ‘सत्यमेव जयते’ से जुड़े हुए हैं ‘झुंड’ के तार
‘झुंड’ के तार आमिर खान के शो ‘सत्यमेव जयते’ से जुड़े हुए हैं। शो में नागपुर के सोशल वर्कर विजय बरसे पर एक एपिसोड आमिर खान ने किया था। विजय बरसे कॉलेज में स्पोर्ट्स टीचर थे। रिटायरमेंट के बाद वे स्लम्स में रहने वाले बच्चों को फुटबॉल सिखाता थे। यह फिल्म विजय बरसे की कहानी पर ही बेस्ड है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमिताभ ने पहले इस फिल्म को करने से इनकार कर दिया था, पर वह बाद में आमिर के कहने पर ही तैयार हो गए थे।

फिल्म के लिए अन-ट्रेंड चाइल्ड और टीनएज कलाकारों की हुई कास्टिंग
प्रोड्यूसर सविता राज हीरेमथ ने हाल ही में दैनिक भास्कर को बताया था कि फिल्म में जिन स्लम के बच्चों को अमिताभ बच्चन का किरदार फुटबॉल सिखाता है, उनकी कास्टिंग में नागराज मंजुले ने ‘सैराट’ वाला तरीका ही अपनाया। उन्होंने ‘सैराट’ की तरह ‘झुंड’ में भी अनट्रेंड चाइल्ड और टीन एज कलाकारों की कास्टिंग की। उसके लिए उन्होंने पांच राज्यों में ऑडिशन ऑर्गनाइज किए। कुछ कलाकार जरूर पिछली फिल्मों से हैं। नागराज बंगाल भी गए, क्योंकि वहां फुटबॉल सबसे ज्यादा खेला जाता है। पंजाब से कुछ सरदार हैं। तमिलनाडु, महाराष्ट्र के साथ-साथ एक बच्चे की कास्टिंग यूपी से भी हुई है। फिल्म में जिस बच्चे का स्क्रीन नेम डॉन है, वो नागपुर से है।

स्लम के सेट में गंदगी के माहौल में भी अमिताभ बच्चन वहां रहे थे
मुंबई में अमिताभ बच्चन के साथ स्लम के क्राउड में शूट करना मुश्किल था। ऐसे में मेकर्स ने नागपुर में ही स्लम का सेट क्रिएट कर दिया। सविता ने आगे कहा था, “साल 2018 के आखिरी में हमने शूटिंग शुरू कर दी थी। अमिताभ बच्चन ने हमें 60 दिनों की डेट दी। वो दो महीने नागपुर में रहे थे। उन्होंने दूसरी और कोई फिल्म की शूट भी नहीं की, जबकि स्लम का सेट है तो वहां गंदगी दिखानी थी। उस माहौल में भी वो वहां रहे। वह सेट डायरेक्टर के छोटे भाई ने डिजाइन किया। वह स्लम का सेट बनाने में चार करोड़ लगे। हमने स्लम ओपन ग्राउंड में बनाया। सेट पर विजय बरसे भी थे। बच्चों को फुटबॉल सिखाने में छह महीने गए। ट्रेनिंग के दौरान नागराज मंजुले ने सतारा जिले में घर पर बच्चों को रखा।”

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