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मेरी नानी वेश्या नहीं थीं: भंसाली पर फूटा गंगूबाई की नातिन का गुस्सा, कोर्ट की सलाह पर बदलेगा फिल्म का नाम?

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मेरी नानी वेश्या नहीं थीं: भंसाली पर फूटा गंगूबाई की नातिन का गुस्सा, कोर्ट की सलाह पर बदलेगा फिल्म का नाम?

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–>

भारती
सोनावने
का
बयान

टाईम्स
ऑफ
इंडिया
से
एक
खास
बातचीत
में
गंगूबाई
की
नातिन
भारती
सोनावने
का
कहना
है
कि
उनकी
नानी
को
बदनाम
किया
जा
रहा
है।
इस
फिल्म
को
बनाने
से
पहले
उनसे
किसी
भी
तरह
की
कोई
मंज़ूरी
नहीं
ली
गई
थी।
भारती
का
कहना
है
कि
वो
2020
से
इस
बात
के
लिए
न्याय
मांग
रही
हैं
लेकिन
उनकी
कहीं
कोई
सुनवाई
नहीं
हो
रही
है।
भारती
के
वकील,
फिल्म
की
रिलीज़
को
रोकने
की
पूरी
कोशिश
कर
रहे
हैं।

<!–

–>

भंसाली से पूछे कड़े सवाल

भंसाली
से
पूछे
कड़े
सवाल

भारती
ने
इस
बातचीत
में
संजय
लीला
भंसाली
से
कड़ा
सवाल
पूछा
है।
भारती
का
कहना
है
कि
मेरी
नानी
छोड़िए,
भंसाली
क्या
किसी
की
भी
मां
के
बारे
में
इस
तरह
की
बात
सोच
सकते
हैं?
जिस
तरह
उन्होंने
मेरी
नानी
को
परदे
पर
पेश
करने
की
कोशिश
की
है
क्या
किसी
और
की
मां
को
भी
इसी
नज़रिए
से
देखकर
परदे
पर
उतार
पाएंगे?
वो
मेरी
नानी
थीं।
अब
ये
उनकी
गलती
नहीं
है
कि
वो
कमाठीपुरा
में
रहती
थीं।
क्या
कमाठीपुरा
मे
रहने
वाली
हर
औरत
वेश्या
हो
जाएगी?
मेरे
रिश्तेदार
मुझसे
सवाल
करते
हैं

क्या
आपकी
नानी
ऐसी
थीं?

<!–

–>

बेहद मज़बूत है केस

बेहद
मज़बूत
है
केस

भारती
के
वकील
का
कहना
है
कि
उनका
पक्ष
बहुत
मज़बूत
है।
लेकिन
उनका
केस
अभी
सुप्रीम
कोर्ट
में
pending
है।
ये
एक
अलग
तरीके
का
कानून
बनाने
का
केस
है।
इस
कानून
में
उन
लोगों
को
न्याय
दिलाने
की
बात
की
गई
है
जो
अब
अपनी
सफाई
देने
के
लिए
इस
दुनिया
में
नहीं
है।
ऐसे
में
कोई
भी
उनके
बारे
में
कुछ
भी
लिख
दे
या
बना
दे,
ये
गलत
है।
भारती
इसी
के
खिलाफ
कोर्ट
में
अपनी
लड़ाई
लड़
रही
हैं।

<!–

–>

भंसाली का पक्ष

भंसाली
का
पक्ष

हालांकि,
संजय
लीला
भंसाली
की
ओर
से
पहले
ही
ये
साफ
कर
दिया
गया
है
कि
ये
फिल्म
हुसैन
ज़ैदी
की
किताब
पर
आधारित
है
और
जैसा
कि
उस
किताब
में
लिखा
गया
है,
वैसा
ही
फिल्म
में
दिखाया
गया
है।
लेकिन
भारती
का
कहना
है
कि
अगर
आप
किसी
किताब
से
किसी
इंसान
की
कहानी
उठाने
की
कोशिश
करते
हैं
तो
क्या
उस
इंसान
के
परिवार
से
मिलना
और
सच
जानना
आपकी
ज़िम्मेदारी
नहीं
है?

<!–

–>

रिश्तेदारों की नहीं है कोई पहचान

रिश्तेदारों
की
नहीं
है
कोई
पहचान

गौरतलब
है
कि
हुसैन
ज़ैदी
पहले
ही
बता
चुके
हैं
कि
उन्होंने
अपनी
किताब
उन
लोगों
से
बातचीत
पर
आधारित
करके
लिखी
जो
गंगूबाई
और
उन
लोगों
के
करीब
थे।
जहां
तक
रही
रिश्तेदारों
की
बात
तो
गंगूबाई
ने
कई
बच्चे
गोद
लिए
थे।
लेकिन
ये
घटना
1947
की
है
जब
देश
में
गोद
लेने
को
लेकर
कोई
मज़बूत
कानून
नहीं
था।
ऐसे
में
ये
पुष्टि
नहीं
की
जा
सकती
कि
गंगूबाई
को
अपना
रिश्तेदार
बताने
वाले
लोग
सच
में
उनके
रिश्तेदार
हैं
या
नहीं।

<!–

–>

कमाठीपुरा की भी शिकायत

कमाठीपुरा
की
भी
शिकायत

गौरतलब
है
कि
कुछ
समय
पहले
कमाठीपुरा
के
लोगों
ने
भी
शिकायत
दर्ज
करते
हुए
कहा
था
कि
उनकी
जगह
को
भंसाली
बेहद
गलत
तरीके
से
परदे
पर
दिखा
रहे
हैं
जिसके
कारण
उनके
निजी
जीवन
पर
असर
पड़
रहा
है।
अब
देखना
है
कि
सुप्रीम
कोर्ट
की
सलाह
पर
क्या
भंसाली,
अपनी
फिल्म
का
नाम
बदलते
हैं?

<!–

–>

25 फरवरी को रिलीज़ होनी है फिल्म

25
फरवरी
को
रिलीज़
होनी
है
फिल्म

गंगूबाई
काठियावाड़ी,
25
फरवरी
को
रिलीज़
हो
रही
है।
फिल्म
में
आलिया
भट्ट,
कमाठीपुरा
में
रहने
वाली
एक
वेश्या
गंगूबाई
का
किरदार
निभा
रही
हैं
जो
अपने
मज़बूत
इरादों
के
चलते
अपने
क्षेत्र
के
लोगों
के
विकास
और
हक
के
लिए
लड़ती
हैं
और
एक
लोकप्रिय
नेता
बन
जाती
हैं।
फिल्म
को
डायरेक्ट
किया
है
संजय
लीला
भंसाली
ने
और
फिल्म
में
विजय
राज़,
अजय
देवगन,
सीमा
पाहवा
और
जिम
सार्भ
सहयोगी
भूमिकाओं
में
हैं।


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